Anju Dixit

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मेरी मोहबतें हैं तुमसे,

मेरी सारी मोहब्बतें हैं तुमसे,
मेरी सारी  चाहतें हैं तुमसे।
मेरी हर एक ख़्वाहिश तुमसे,
मेरी सारी  इनायतें हैं तुमसे।
तुमसे मेरे जिस्म की गर्मी
मेरे दिल की धड़कने हैं तुमसे।
तुमसे मेरे सारे मौसम हँसी नजारे ,
  मेरी सारी  नजाकतें हैं तुमसे।
तुमसे मिलकर मैने जाना,
हर दर्द की "विनय"राहतें हैं तुमसे।
मेरे सारे रूठने मनाने सजन तुमसे,
कहीं अनकही सब जिदें है तुमसे।
तुम हो साथ तो मैं लापरवाह सी,
मेरी सारी हिफ़ाजते हैं तुमसे।
मेरी हर एक राह के तुम साथी,
मेरी  सब मंजिले हैं तुमसे।
  मैं हूँ हुस्ने मलिका पर यह भी सच है,
मेरे हुस्न की सब  रौनकें हैं तुमसे।
कोई कमी नही मुझे साथ जो तुम हो,
मेरे जीवन की सब दौलते हैं तुमसे।
मेरे सारे रूठने मनाने सजन तुमसे,
कहीं अनकही सब जिदें है तुमसे
तुमसे मेरे मन के बीहड़ महके ,
मेरी अठखेलियाँ शरारतें हैं तुमसे।
तुम हो दूर तो पास बुलाऊँ तुमको,
तुम ही मेरी गीता और रामायण,
चारों धामों की नेमतें है तुमसे।
तुमसे मेरी सारी नादानी, मनमानी,
हर एक बात की नशीहतें है तुमसे।
तुमसे मेरे  मदमाते नयनों के ख्वाब,
जागती आँखों की हक़ीक़तें हैं तुमसे।
तुम्हारे साने से लगकर मेरे सुकून सारे,
पास आने से कितनी प्यारी हरारते तुमसे।
तुमसे रंगे मेरे होली के रँग,साजन
मेरी दिवाली की झिलमिलाहटें तुमसे।
तुम हो दूर तो पास बुलाऊँ तुमको,
तुमसे मिलकर पाया मान जो ओहदा,
कभी अलग न हों मेरी जो शोहरतें हैं तुमसे।
जो पास हो तुम साजन तो कैसी घबराहटें हैं तुमसे।
तुम सोचों मुझे दर्द न हो मैं सोचूँ तेरी पलक न भीगे,
   मेरी तन्हां बेचैनियाँ और सारी सिलबटें हैं तुमसे।
है तुम ही से प्यार बेहद,बेपनाह हमको,
और कितनी मीठी  खट्टी शिकायतें हैं तुमसे।
तुमसे मेरी हर गीत गजल है,तू मेरा इत्र सन्दल है,
हँसी खुशी ,गम दर्द की सारी कैफ़ियत है तुमसे।
तुमसे मेरे सुबह सुहानी शामे दिन और रात दीवानी,
  मेरी आरती अजान और सारी आयते हैं तुमसे।
तुमसे मिलकर मै अल्हड़ चंचल शोख शर्मीली
तुमसे ही सब  नखरीली आदतें हैं तुमसे ।
मेरे लिए तुम क्या हो शायद कह पाना मुश्किल,
पहली सांस से लेकर आखिरी सांस तक जरूरतें हैं तुमसे।
  आई तेरा हाथ थाम कर पीछे पीछे ,तुझसे आगे जाऊँ छोड़कर दुनियां बस इतनी सी कहावते हैं रब से।


 


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